उत्तरदायित्व का ज्ञान
इंसान को उत्तरदायित्व का ज्ञान होना जरूरी हो जाता है उत्तरदायित्व का इंसान के जीवन से गहरा संबंध है उत्तरदायित्व ही सफलता और गतिमान होने का परिचय करता है। इस दुनिया का हर एक प्राणी उत्तरदायित्व का बोझ लेकर पैदा होता है । उत्तरदायित्व अपने लिए या अपने परिवार के लिए ही नहीं होता इसमें समाज का कल्याण हो ए भी जरूरी हो जाता है ।
आज अपने देखा होगा महाशिव रात्रि मै करोड़ों श्रद्धालुओं ने महाकुंभ मै डुबकी लगाई है ।
इसमें केवल एक व्यक्ति का उत्तरदायित्व नहीं है इसमें लाखों लोग अपना अपना उत्तरदायित्व निभा रहे है । उत्तर प्रदेश सरकार ही नहीं पूरा पुलिस बल उच्च अधिकारी सब अपने अपने उत्तरदायित्व को सही ढंग से निभा रहे तब जाकर महाकुंभ सफल होता हुआ नजर आया ।
इंसान अगर उत्तरदायित्व नहीं निभाता तो उसका अपना जीवन ही बोझ बन जाता है। अपने परिपोषण को जीव जंतु पशु पक्षी भी उत्तरदायित्व निभा लेते है।
मानव सेवा का अधिकार सबके पास है हर मानव उत्तरदाई है कि समाज सेवा मै अपना थोड़ा ही सही मगर योगदान दे ।
केवल जीवन का उद्देश्य बड़ा होने से इंसान कभी बड़ा नहीं हो पाता सूरज का उद्देश्य कितना बड़ा और विशाल है बिना भेद भाव के अपने उत्तर दायित्व निभाता है।
इंसान को उत्तरदायित्व का बोध होना आवश्यक है सूरज की तरह नहीं लेकिन पक्षियों की तरह ही अपना दायित्व निभाता जाए तो इंसान महान बन सकता है।
राजा की कहानी
एक राजा था उसे अपने होने और अपने उत्तरदायित्व को सही से निभाने का बहुत गुरूर था ।
राजा बोला पक्षी और मकड़ी का प्रकृति मै कोई योगदान नहीं है ए किसी काम की नहीं है ।
सब चुप रहे राजा से कोई कुछ कहने वाला भी नहीं था क्योंकि राजा अपने सारे दायित्व को अच्छे से निभाने मै निपुण था यही राजा की महानता भी थी।
एक दिन राजा शिकार खेलने जंगल में जाता तभी कुछ लुटेरे राजा का पीछा करने लगते है और राजा अपना घोड़ा छोड़ कर पेड़ के नीचे जा खड़ा होता है उतने मै एक चिड़िया राजा को अपने पंख मार के चली जाती है राजा को लगा मै यह सुरक्षित नहीं हु और बो सुरक्षित स्थान की खोज मै एक खंडहर में जा पहुंचता है ।
राजा के अंदर जाते ही मकड़ियां दरवाजे मै अपना जाल बुन देती है । तभी लुटेरे वह आते है देखते है कि यहां तो मकड़ियों ने घना जाल बुन रखा है राजा यहां नहीं होगा और लुटेरे चले जाते है राजा सुरक्षित अपने महल को वापस चला जाता है ।
इस कहानी का सबक
प्रकृति मै कोई भी ऐसा प्राणी नहीं है जो अपना उत्तरदायित्व न निभाता हो मकड़ी और पंछी दोनों ने मिलकर राजा को सुरक्षित किया यही राजा की सीख हुई और आज हमारी मानव सभ्यता की सीख है
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