जर्मनी में किसानों का बवाल: ट्रैक्टर लेकर हाईवे जाम, सरकार की नींद उड़ी
भाई, यूरोप वाला देश जर्मनी भी अब भारत जैसे किसान आंदोलन से गुजर रहा है। हजारों किसानों ने ट्रैक्टर लेके सड़कों पर धावा बोल दिया है। वजह? सरकार ने डीज़ल पर सब्सिडी हटा दी और टैक्स बढ़ा दिए।
किसान बोले – "ये टैक्स हमारी कमर तोड़ देगा। पहले ही महंगाई की मार, ऊपर से ये टैक्स?" अब बर्लिन की ओर ट्रैक्टर मार्च चल रहा है। खेतों से नहीं, सीधे संसद के सामने जुटने की तैयारी है।
क्या है आंदोलन की वजह?
- डीजल सब्सिडी खत्म
- ट्रैक्टर और खेती उपकरणों पर टैक्स
- कृषि क्षेत्र को नजरअंदाज करने का आरोप
सरकार कहती है – "हम जलवायु सुधार के लिए टैक्स बढ़ा रहे हैं", लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं।
सड़कों पर ट्रैक्टरों की लाइनें
किसानों ने हाईवे पर ट्रैक्टर खड़े कर दिए हैं, जिससे ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया है। स्कूल, ऑफिस सब लेट चल रहे हैं। आम जनता भी इस मुद्दे में किसानों के साथ खड़ी है।
बर्लिन में हड़कंप
राजधानी बर्लिन में पुलिस हाई अलर्ट पर है। प्रधानमंत्री ऑफिस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है। लेकिन किसान पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।
क्या भारत से है कनेक्शन?
बहुत हद तक हां! जिस तरह 2020-21 में भारत में किसान आंदोलन हुआ था, उसी तर्ज पर ये जर्मन किसान भी लामबंद हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी #FarmersProtestGermany ट्रेंड कर रहा है।
अंत में...
भाई, ये साफ हो चुका है कि चाहे देश कोई भी हो, अगर किसान नाराज हुआ तो सरकार की नींद उड़ जाती है। अब देखना ये है कि क्या जर्मन सरकार झुकेगी या टकराव और बढ़ेगा।
आपका क्या विचार है इस आंदोलन पर? नीचे कमेंट में जरूर बताइए।
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