एक तरफ पत्नी जिसने पति को मरवाया... दूसरी तरफ वो जो पति की मौत के बाद भी थाली सजाती है – सोनम Vs सरस्वती की दो कहानियाँ
आज की दुनिया में रिश्तों की हकीकत क्या है? एक तरफ है सोनम – जिसने अपने पति राजा रघुवंशी को हनीमून ट्रिप पर ही मरवा दिया। और दूसरी तरफ है सरस्वती देवी – जो अपने पति की मौत के 7 साल बाद भी रोज़ उसके नाम की थाली सजाती है।
🥀 सोनम – प्यार का नकाब, अंदर से खूनी इरादा

मेघालय के शिलॉंग में हनीमून के बहाने ले जाकर सोनम ने सुपारी किलर से राजा रघुवंशी की हत्या करवा दी। सबको लगा नया जोड़ा सैर पर निकला है, पर पत्नी ने मौत का प्लान बना रखा था।
बाद में पुलिस जांच में सोनम ने कुबूल किया – “मैं उससे प्यार नहीं करती थी, शादी दबाव में हुई थी। इसीलिए रास्ते से हटाया।”
लोग कहते हैं: “जहां पत्नी ही दुश्मन बन जाए, वहां इंसान किससे भरोसा करे?”
🌸 सरस्वती देवी – जिसने पति की मौत के बाद भी रिश्ता नहीं तोड़ा

जालौन की रहने वाली 52 वर्षीय सरस्वती देवी के पति का निधन 7 साल पहले हुआ। लेकिन उन्होंने कभी रिश्ता खत्म नहीं माना। आज भी वो सुबह उठकर अपने पति के लिए खाना बनाती हैं, थाली सजाकर उनकी फोटो के सामने रखती हैं।
वो कहती हैं – “शरीर चला गया, लेकिन प्यार तो यहीं है। मैं अब भी उनकी पत्नी हूं।”
गांव वाले कहते हैं – “आजकल जहां लोग मैसेज का जवाब न दें तो रिश्ता टूट जाता है, सरस्वती जी ने हमें सिखाया कि असली प्रेम क्या होता है।”
⚖️ दो औरतें – दो सोच – दो दुनिया
- सोनम: प्यार का नाम लेकर मौत का जाल बुनने वाली
- सरस्वती: मौत के बाद भी प्रेम को पूजा मानने वाली
ये दोनों कहानियाँ हमें एक गहरा सवाल पूछती हैं – क्या अब भी लोग प्यार को समझते हैं? या सब सिर्फ मतलब के लिए साथ होते हैं?
📜 निष्कर्ष
सोनम की कहानी हमें सावधान करती है, और सरस्वती की कहानी हमें प्रेरणा देती है। अगर रिश्तों में सच्चाई हो तो मौत भी उन्हें नहीं तोड़ सकती – लेकिन अगर फरेब हो, तो प्यार के नाम पर खून भी हो सकता है।
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