छड़ बोले कर्ण मुस्कराए ।।
एक प्रसिद्ध हिंदी लोक पंक्ति है। इसका अर्थ है कि जब किसी बात का जवाब नहीं दिया जाता है, तो चुप्पी भी एक उत्तर होती है। यह लोक पंक्ति हमें सिखाती है कि कभी-कभी चुप रहना भी अपनी बात को कहने का एक तरीका होता है।
इस लोक पंक्ति का एक और अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति किसी बात को सुनकर अनदेखा कर देता है, तो इसका मतलब है कि वह उस बात को स्वीकार नहीं करता है। यह लोक पंक्ति हमें यह भी सिखाती है कि हमें हमेशा अपनी बात को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए, ताकि किसी को कोई गलतफहमी न हो।
यह लोक पंक्ति हमें जीवन के कई पहलुओं के बारे में भी बताती है। यह हमें सिखाती है कि हमें हमेशा शांत रहना चाहिए और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना चाहिए। यह हमें यह भी सिखाती है कि हमें दूसरों की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए और समझना चाहिए।
इस लोक पंक्ति कुछ उदाहरण:
- जब कोई व्यक्ति आपसे कोई सवाल पूछता है और आप उसका जवाब नहीं देते हैं, तो इसका मतलब है कि आप उस सवाल का जवाब नहीं देना चाहते हैं।
- जब कोई व्यक्ति आपकी बात को सुनकर अनदेखा कर देता है, तो इसका मतलब है कि वह आपकी बात को स्वीकार नहीं करता है।
- जब आप किसी बात से सहमत नहीं होते हैं, तो आप चुप रह सकते हैं।
- जब आप किसी बात से असहमत होते हैं, तो आप अपनी बात को स्पष्ट रूप से कह सकते हैं।
यह लोक पंक्ति हमें कई महत्वपूर्ण बातें सिखाती है, जैसे:
- चुप्पी भी एक उत्तर होती है।
- हमें हमेशा अपनी बात को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए।
- हमें दूसरों की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए और समझना चाहिए।
- हमें शांत रहना चाहिए और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना चाहिए।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी ।
मानव सभ्यता के अनुसार हमें मालूम होता है बिना बोले भी काम हो सकता है ।।
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