सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट के प्रसार को लेकर भारतीय कोर्ट का रुख काफी सख्त है. कोर्ट ने कई मौकों पर ऐसे मामलों में सख्ती दिखाई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है.
कोर्ट की चिंताएं:
- अभद्र भाषा और गाली-गलौज: सोशल मीडिया पर कई बार अभद्र भाषा और गाली-गलौज का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है.।
- लोगों को इस बात का पूरा ख्याल रखना जरूरी हो जाता है जब आप एक अच्छा खासा फैन फॉलोइंग बना लेते है तो आपकी जिम्मेदारी और भी बड़ी हो जाती है इस जिम्मेदारी का ख्याल रखना आपका धर्म हो जाता है ।
- आप एक हस्ती के रूप मै जाने जाते है आपको देख के सामान्य लोग भी आपके जैसे होने की मन मै चेष्टा करने लगते है ।
- झूठी खबरें और अफवाहें: सोशल मीडिया पर तेजी से झूठी खबरें और अफवाहें फैलती हैं, जो समाज में भ्रम और अशांति पैदा कर सकती हैं.।
- झूठी खबर आज एक फेसबुक का इंसान फैला रहा है उसने बोला है मेटा अमेरिका के न्यू यूजर को 5000 डॉलर दे रहा है शर्त भी बता रहा की आपको लगवाग 30 रील डालनी होगी जबकि इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है मै दावा भी नहीं कर रहा लेकिन सच भी नहीं है ।
- लोगों को ख्याल रखना चाहिए और झूठी खबरों से दूर रहना चाहिए और आज के टाइम में हमारे पास गूगल जैसा सर्च इंजन है आप उसका सही इस्तेमाल करे तो आप इससे बच सकते है ।
- मैं तो ए भी कहूंगा आप सब से की आप गूगल सर्च इंजन का यदि आप सही और सटीक इस्तेमाल करते है तो आपके साथ होने वाले ऑनलाइन फ्रोड भी नहीं होगे।
- आप ए मत सोचो गूगल मै हिंदी का इस्तेमाल करे जो भाषा आपको अच्छे से आती है उसका इस्तेमाल करे आप के लिए लिंक दे रहा हु गूगल आपके हिसाब से काम करेगा।
- आप गूगल असिस्टेंट का उपयोग कर सकते है
- महिलाओं के खिलाफ हिंसा: सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ भी कई बार आपत्तिजनक टिप्पणियां और तस्वीरें पोस्ट की जाती हैं, जिससे महिलाओं की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है।
- आप यहां पड़ सकते है आप समझ सकते है कि बकाई हिंसा क्या है सच है या झूठ क्योंकि आज कल लगभग 90%महिलाएं झूठे मुकदमा कर रही है कभी कभी तो समझ नहीं आता महिलाएं दुखी है या पुरुष
- घबराने की जरूरत नहीं है एक बात मुझे याद आती है जो मै बता रहा हिंसा अब होती नहीं है हमारे उत्तर प्रदेश मै मुझे नजर नहीं आती सिर्फ दिखावा सा लगता है लोग करते कुछ है दिखाते कुछ और है ।
- याद रखे हमारी आत्मा कभी झूठ नहीं बोलती सबसे पहले खुद को जांच ले फिर आगे कोई कदम उठाए ।
- बच्चों का शोषण: सोशल मीडिया पर बच्चों के शोषण से संबंधित सामग्री भी कई बार सामने आती है, जो बेहद चिंताजनक है।
कोर्ट के फैसले:
कोर्ट ने कई मामलों में सोशल मीडिया कंपनियों को भी फटकार लगाई है और उनसे अपने प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने के लिए कहा है. कोर्ट ने सरकार से भी ऐसे मामलों में सख्त कानून बनाने की मांग की है.
मेरी राय:
मेरी राय में कोर्ट का रुख बिल्कुल सही है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल अभिव्यक्ति की आजादी के लिए होना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि किसी को भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने या झूठी खबरें फैलाने की छूट मिल जाए. सोशल मीडिया कंपनियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और अपने प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए.
कुछ सुझाव:
- सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय हमें अपनी भाषा और विचारों पर नियंत्रण रखना चाहिए.
- सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय हमें अपनी प्राइवेसी का ध्यान रखना चाहिए.
- हमें अपने बच्चों को सोशल मीडिया के सुरक्षित इस्तेमाल के बारे में शिक्षित करना चाहिए.
- हमें सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के उत्पीड़न या दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.
- मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी.
Post a Comment (0)