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नवरोज़ 2025: पारसी नववर्ष का महत्व और इतिहास।।

नवरोज़ 2025: पारसी नववर्ष का महत्व और इतिहास
नवरोज़ 2025: पारसी नववर्ष का महत्व और इतिहास

नवरोज़ (Nowruz) क्या है?
नवरोज़ (Nowruz) फारसी नववर्ष का उत्सव है, जिसे मुख्य रूप से ईरान, मध्य एशिया, काकेशस, भारत और कई अन्य देशों में मनाया जाता है। यह त्योहार वसंत के आगमन और प्रकृति के पुनर्जन्म का प्रतीक है। भारत में इसे खासतौर पर पारसी समुदाय द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है और इसे "नवरोज" या "पारसी नववर्ष" भी कहा जाता है।

नवरोज़ का अर्थ और महत्व

"नवरोज़" शब्द फारसी भाषा के दो शब्दों "नव" (नया) और "रोज़" (दिन) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है "नया दिन"। यह नया साल ज़रथुस्त्र (Zoroaster) धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत शुभ होता है और इसे उम्मीद, खुशी और समृद्धि के पर्व के रूप में मनाया जाता है।

नवरोज़ 2025 कब है?

नवरोज़ हर साल वसंत विषुव (Spring Equinox) के समय पड़ता है, जब दिन और रात बराबर होते हैं। नवरोज़ 2025 इस साल 20 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। भारत में पारसी समुदाय इसे "पटेटी" के रूप में भी मनाता है, जो उनके धार्मिक कैलेंडर के अनुसार नया साल होता है।

नवरोज़ का इतिहास और परंपराएँ

नवरोज़ की शुरुआत 3,000 साल पहले फारस (वर्तमान ईरान) में हुई थी और इसे ज़रथुष्ट्र धर्म से जोड़ा जाता है। इसे मूल रूप से फारसी सम्राट जमशेद के शासनकाल में मनाना शुरू किया गया था, इसलिए इसे "जमशेदी नवरोज़" भी कहा जाता है।

इस दिन पारसी समुदाय विशेष पूजा-पाठ करते हैं और घरों में सफाई, सजावट, दान-पुण्य और पारंपरिक पकवानों का आयोजन किया जाता है।

नवरोज़ के मुख्य रीति-रिवाज

  1. हाफ़्त-सीन (Haft-Seen) की सजावट – पारसी और ईरानी परिवार अपने घरों में सात पारंपरिक चीजों को सजाते हैं, जिनका नाम फ़ारसी अक्षर "स" (S) से शुरू होता है।
  2. आतिश (अग्नि) पूजा – पारसी समुदाय आग को पवित्र मानता है, इसलिए वे अग्नि मंदिरों में पूजा करने जाते हैं।
  3. भोजन और दावत – इस दिन पारंपरिक व्यंजन जैसे कि फलूदा, रवा, साली बोटी, धन-दाल और मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।
  4. दान और परोपकार – जरूरतमंदों को दान दिया जाता है और सभी से प्रेम और सौहार्द बनाए रखने का संकल्प लिया जाता है।

नवरोज़ 2025: एकता और भाईचारे का संदेश

नवरोज़ सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि नई शुरुआत, सकारात्मकता और भाईचारे का संदेश है। यह हमें सिखाता है कि हर कठिन समय के बाद एक नया अवसर आता है, और जीवन में संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

निष्कर्ष

नवरोज़ 2025 को पारसी समुदाय और अन्य फारसी संस्कृति से जुड़े लोग पूरी श्रद्धा और आनंद के साथ मनाएंगे। यह त्योहार केवल पारसी धर्म तक सीमित नहीं, बल्कि यह सभी के लिए नए साल की खुशियों, प्रेम और समृद्धि का प्रतीक है।

आप सभी को नवरोज़ 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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1 टिप्पणियाँ

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Shivam Soni
Shivam Soni
Founder, Shivam90.in | Desi Digital Journalist

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