लगातार प्रयास: चाणक्य नीति के अनुसार असफलता ही सफलता की जननी है




लगातार प्रयास: असफलता ही सफलता की जननी है (चाणक्य नीति के अनुसार)

भाई, जीवन कोई सीधी सड़क नहीं है, जहां चल दिए और मंज़िल मिल गई। ये तो एक ऊबड़-खाबड़ रास्ता है, जहां बार-बार गिरना, ठोकर खाना, और फिर उठकर चलना ही असली जीत है। चाणक्य जी कहते थे—

"जो व्यक्ति असफलता से डरता है, वह कभी बड़ा काम नहीं कर सकता।"

और भाई, ये बात मैं अपने खून-पसीने से महसूस कर चुका हूं।

असफलता क्या है? ठोकर, जो मंज़िल की ओर बढ़ने का रास्ता दिखाए।

जब हम किसी काम में फेल होते हैं, तो अकसर लोग कहते हैं – "तेरे बस की बात नहीं", "अब छोड़ दे", "कहीं और ध्यान दे"।
लेकिन चाणक्य नीति कहती है कि हर असफलता एक सबक होती है, जो ये बताती है कि हमें क्या सुधारना है।
भाई, “ठोकर वही खाता है जो चल रहा होता है, जो बैठे हैं वो बस औरों की कहानी सुनते हैं।”

मेरा अपना अनुभव

जब मैंने चांदी का बिजनेस शुरू किया, पहली बार घाटा खाया। 40 लाख की चपत पड़ी, लोग बोले – "अब गया काम से"।
लेकिन मैंने हार नहीं मानी, लगातार प्रयास करता रहा, फिर मथुरा में फैक्ट्री खड़ी कर दी। वही लोग बाद में बोले – "भाई, तूने कमाल कर दिया।"

सिर्फ एक चीज थी – प्रयास, बिना रुके।

क्यों जरूरी है लगातार प्रयास?

  1. हर गलती सिखाती है कुछ नया: असफलता बताती है कि रास्ता क्या गलत था।

  2. मन की ताकत बढ़ती है: जितनी बार गिरोगे, उतनी बार अंदर से मजबूत बनोगे।

  3. दुनिया तुम्हें गंभीरता से लेती है: जब लोग देखते हैं कि तू हार मानने वाला नहीं है, तो खुद-ब-खुद साथ आ जाते हैं।

  4. भाग्य खुद झुकता है: जब मेहनत लगातार हो, तो किस्मत भी मजबूर हो जाती है।

गांव की कहावत – “घड़ा-घड़ा टपके, तो कुआं भी भर जाए”

मतलब – अगर थोड़ा-थोड़ा करके भी कोशिश करोगे ना, तो बड़ा काम हो ही जाएगा।
भाई, सफलता का रास्ता शॉर्टकट से नहीं, पसीने और सब्र से बनता है।

असफलता = नई शुरुआत

हर बार जब हम फेल होते हैं, हमें दो रास्ते मिलते हैं —

  1. रोना और छोड़ देना

  2. फिर से कमर कस कर लग जाना

चाणक्य जी कहते हैं —

"अगर कोई काम पहले प्रयास में सफल नहीं होता, तो फिर से प्रयास करो। हर बार सीखते जाओ, हार मानना मूर्खता है।"

मेरे हिसाब से...

मेरे हिसाब से तो भाई, असफलता एक जरूरी पड़ाव है। बिना फेल हुए, इंसान में धैर्य, समझ और असली मेहनत की कदर नहीं आती।
जो लोग आज बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिक हैं, वो भी एक समय पर बर्बाद हुए थे। फर्क सिर्फ इतना था — उन्होंने हार नहीं मानी।

मैंने खुद देखा है कि जो लड़के बार-बार फेल हुए, आज वही अपने गांव-शहर में नाम कमा रहे हैं। बस उन्होंने “लगातार प्रयास” करना नहीं छोड़ा।

निष्कर्ष (Conclusion):

चाणक्य नीति हमें यही सिखाती है कि "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती"।
भाई, असफलता को गाली मत दो, उसे अपना गुरु मानो।
हर बार जब गिरो, तो खुद से एक ही बात कहो —

“गिरा हूं, पर रुका नहीं हूं। और जब तक मंज़िल नहीं मिलती, चैन से बैठूंगा नहीं।”


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