ऑपरेशन सिंदूर से लेकर बलूचिस्तान तक: इस हफ्ते का सबसे बड़ा विश्लेषण
लेखक: News Shivam90.in | तारीख: 23 मई 2025
इस सप्ताह दुनिया की राजनीति में जो हलचल हुई, उसने भारत की सैन्य और कूटनीतिक रणनीति को और मजबूती दी। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान को सीधा संदेश दिया, वहीं बलूचिस्तान की खदानें अब वैश्विक फोकस में हैं। चीन के लड़ाकू विमान J-10C ने भी अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ा दी है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर ने चीन-पाक दोस्ती को झटका दिया। भारत की यह सर्जिकल स्ट्राइक PoK में आतंकी शिविरों पर केंद्रित रही।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की अब तक की सबसे साहसी सर्जिकल स्ट्राइक मानी जा रही है, जिसमें भारतीय सेना ने PoK में 7 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। इस कार्रवाई में चीन निर्मित ड्रोन और हथियार बरामद हुए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान की जमीन से चीन अप्रत्यक्ष युद्ध लड़ रहा है।
सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह ऑपरेशन केवल जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी था: भारत अब रक्षात्मक नहीं, आक्रामक नीति अपना चुका है।
अनिल अंबानी और रीनमेटल डील: रक्षा क्षेत्र में नया अध्याय
रिलायंस डिफेंस और जर्मनी की रीनमेटल के बीच डील से भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा है। रिलायंस डिफेंस और जर्मनी की कंपनी रीनमेटल के बीच हुआ समझौता न सिर्फ भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, बल्कि पश्चिमी देशों में भारत की सैन्य छवि को भी मजबूत करेगा। इस डील के तहत भारत में उच्च तकनीकी टैंक और मिसाइल सिस्टम निर्माण शुरू होगा, जिससे पाकिस्तान की चिंता और गहरी हो गई है।
PM मोदी का पाकिस्तान और अमेरिका को सख्त संदेश
बीकानेर की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा – "अब बात केवल PoK पर होगी", यह वाक्य ही इस सप्ताह की सबसे बड़ी सुर्खी बना। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने PoK को लेकर इतनी साफ नीति नहीं दिखाई थी।
अमेरिका और चीन भी इस बयान को गंभीरता से ले रहे हैं। कई अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक का मानना है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं दे रहा, वह क्षेत्रीय भू-राजनीति को नेतृत्व देने की दिशा में बढ़ रहा है।
बलूचिस्तान के खनिज: अमेरिका-चीन में रस्साकशी
बलूचिस्तान के दुर्लभ खनिज संसाधनों पर अमेरिका की नजर है, जिससे चीन को नुकसान और भारत को रणनीतिक लाभ हो सकता है।
बलूचिस्तान में यूरेनियम, लिथियम और रियर अर्थ मेटल्स की मौजूदगी ने अमेरिका की नजर इस इलाके पर टिकाई है। भारत के लिए यह रणनीतिक अवसर बन सकता है, जिससे चीन की वन बेल्ट वन रोड (OBOR) परियोजना को बड़ा झटका लगेगा।वहीं बलूच विद्रोहियों को भारत और अमेरिका का संभावित समर्थन आने वाले महीनों में बड़ा मोड़ ला सकता है।
J-10C फाइटर जेट्स: चीन की नई चाल या खतरे की घंटी?
चीन द्वारा J-10C जेट्स की तैनाती सिर्फ सैन्य शक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एशिया में एक संदेश है: “चीन पीछे नहीं हटेगा।” अमेरिका और ताइवान के लिए यह खतरे की घंटी है।
जानकार मानते हैं कि भारत को अपने राफेल बेड़े को बढ़ाने के साथ-साथ उन्नत मिसाइल सुरक्षा प्रणाली की आवश्यकता होगी। रक्षा मामलों के जानकार मानते हैं कि अगला युद्ध हवा से लड़ा जाएगा – और J-10C उसी की शुरुआत है।
इस हफ्ते के ट्रेंडिंग कीवर्ड्स
- ऑपरेशन सिंदूर
- PoK स्ट्राइक
- बलूचिस्तान खनिज
- J-10C चीन
- रिलायंस-रीनमेटल डील
- मोदी बीकानेर भाषण
निष्कर्ष
2025 की गर्मी भारत के लिए केवल मौसम नहीं, बल्कि सैन्य और कूटनीतिक उबाल लेकर आई है। एक ओर पाकिस्तान को सीधा जवाब, दूसरी ओर वैश्विक खनिज खेल में रणनीतिक एंट्री – भारत अब सिर्फ रिएक्ट नहीं करता, *डायरेक्ट करता है।*
आने वाले हफ्तों में यह साफ होगा कि भारत सिर्फ दक्षिण एशिया ही नहीं, वैश्विक रणनीति में भी एक मजबूत खिलाड़ी बन चुका है।
Shivam90.in आपको ऐसी ही गहराई से हर खबर का विश्लेषण देता रहेगा।
Sources: Navbharat Times, Shivam90.in Analysis, Strategic Insights India, Defense Wire
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