📰 ब्रेकिंग न्यूज़ 💍 सिल्वर ज्वेलरी 👩 महिलाओं के लिए ⚽ खेल 🎭 मनोरंजन 🎬 फिल्मी दुनिया 🗳 राजनीति 🔮 राशिफल 🚨 क्राइम 🪔 ज्योतिष 🙏 भक्ति 📹 वीडियो 😂 जोक्स 🌐 वायरल 🇮🇳 देश 🌎 विदेश 💻 टेक्नोलॉजी 💉 स्वास्थ्य 👗 फैशन 🕉 धर्म 📚 शिक्षा 💼 व्यापार ⛅ मौसम

"वैदिक ऋण मुक्ति यंत्र प्रणाली – जन्म तिथि के अनुसार उपाय, रत्न व यंत्र जानें"

बढ़ता कर्ज: ज्योतिषीय कारण और निवारण

"वैदिक ऋण मुक्ति यंत्र प्रणाली – जन्म तिथि के अनुसार उपाय, रत्न व यंत्र जानें"


आज के आधुनिक युग में कर्ज एक आम समस्या बन गई है। अपनी जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लोग अक्सर कर्ज का सहारा लेते हैं। चाहे वह घर खरीदना हो, गाड़ी लेनी हो, बच्चों की पढ़ाई हो या फिर व्यापार बढ़ाना हो, कर्ज एक आसान समाधान नजर आता है। लेकिन कई बार यह कर्ज इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति के लिए इसे चुकाना मुश्किल हो जाता है और वह कर्ज के जाल में फंसता चला जाता है। इस लेख में हम कर्ज बढ़ने के विभिन्न कारणों पर विचार करेंगे, जानेंगे कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कौन से ग्रह इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, विभिन्न राशियों के लिए कर्ज मुक्ति के उपाय क्या हैं, और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए कुछ यंत्र, तंत्र और मंत्रों की भी चर्चा करेंगे।

कर्ज बढ़ने के सामान्य कारण:

कर्ज बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • आय से अधिक व्यय: यह कर्ज बढ़ने का सबसे आम कारण है। जब व्यक्ति अपनी आय से अधिक खर्च करने लगता है, तो उसे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। क्रेडिट कार्ड का अनियंत्रित उपयोग और अनावश्यक वस्तुओं पर खर्च इस स्थिति को और बिगाड़ देते हैं।
  • अप्रत्याशित घटनाएं: जीवन में कई बार ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं घट जाती हैं जिनके लिए हम तैयार नहीं होते, जैसे कि गंभीर बीमारी, दुर्घटना, नौकरी छूटना या व्यापार में भारी नुकसान। ऐसी स्थितियों में व्यक्ति को अचानक बड़ी रकम की जरूरत पड़ जाती है और कर्ज लेना मजबूरी बन जाता है।
  • खराब वित्तीय योजना: भविष्य के लिए कोई वित्तीय योजना न बनाना या खराब योजना बनाना भी कर्ज का कारण बन सकता है। बचत न करना, निवेश न करना और अपने खर्चों का हिसाब न रखना आगे चलकर वित्तीय संकट पैदा कर सकता है।
  • उच्च ब्याज दरें: यदि आपने उच्च ब्याज दरों पर कर्ज लिया है, तो ब्याज की रकम ही इतनी अधिक हो जाती है कि मूलधन चुकाना मुश्किल हो जाता है। यह विशेष रूप से क्रेडिट कार्ड ऋण और व्यक्तिगत ऋण के मामले में देखा जाता है।
  • महत्वाकांक्षाएं और सामाजिक दबाव: कभी-कभी लोग अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने या सामाजिक दबाव में आकर अपनी क्षमता से अधिक खर्च कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे कर्ज में डूब जाते हैं। दूसरों की जीवनशैली की नकल करना और दिखावे के लिए खर्च करना भी इसका एक कारण है।
  • आर्थिक मंदी या अस्थिरता: व्यापक आर्थिक मंदी या देश की आर्थिक अस्थिरता के कारण भी लोगों की आय कम हो सकती है या नौकरियां जा सकती हैं, जिससे कर्ज का बोझ बढ़ सकता है।

ज्योतिष शास्त्र और कर्ज:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति और उनका गोचर व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है, जिसमें उसकी आर्थिक स्थिति भी शामिल है। कुछ ग्रहों की अशुभ स्थिति या दशा-अंतर्दशा व्यक्ति को कर्ज के जाल में फंसा सकती है। आइए जानते हैं कौन से ग्रह कर्ज के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं:

  • मंगल ग्रह: मंगल को ज्योतिष में ऋण का कारक ग्रह माना जाता है। यदि जन्म कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो, कमजोर हो, पीड़ित हो या छठे, आठवें या बारहवें भाव से संबंध बना रहा हो, तो व्यक्ति पर कर्ज का बोझ बढ़ सकता है। मंगल की ऊर्जा यदि सही दिशा में न लगाई जाए तो यह आवेगपूर्ण खर्च और जल्दबाजी में लिए गए वित्तीय निर्णयों का कारण बन सकता है, जो अंततः कर्ज का रूप ले लेते हैं। (आप यहां "मंगल ग्रह के ज्योतिषीय प्रभाव" पर एक विस्तृत लेख लिंक कर सकते हैं)
  • राहु और केतु: ये दोनों छाया ग्रह हैं और अप्रत्याशित घटनाओं और भ्रम के कारक माने जाते हैं। यदि राहु या केतु अशुभ स्थिति में हों और धन भाव (दूसरा भाव), आय भाव (ग्यारहवां भाव) या व्यय भाव (बारहवां भाव) को प्रभावित कर रहे हों, तो व्यक्ति अचानक कर्ज में डूब सकता है। राहु व्यक्ति को भौतिक सुखों की ओर आकर्षित करता है और इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है, जिसमें कर्ज लेना भी शामिल है। केतु भ्रम और अलगाव पैदा करता है, जिससे व्यक्ति सही वित्तीय निर्णय नहीं ले पाता। (यहां "राहु-केतु के प्रभाव और उपाय" लिंक किया जा सकता है)
  • शनि ग्रह: शनि को कर्मफल दाता और न्याय का देवता माना जाता है। यदि शनि अशुभ स्थिति में हो या साढ़ेसाती अथवा ढैय्या चल रही हो, तो व्यक्ति को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ सकता है। शनि व्यक्ति को उसके पिछले कर्मों का फल देता है और यदि व्यक्ति ने पहले वित्तीय अनुशासनहीनता बरती है, तो शनि की दशा में उसे इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। (यहां "शनि साढ़ेसाती और ढैय्या के उपाय" पर लेख लिंक करें)
  • छठा भाव: जन्म कुंडली का छठा भाव रोग, शत्रु और ऋण का भाव माना जाता है। यदि इस भाव का स्वामी कमजोर हो, पीड़ित हो या अशुभ ग्रहों से दृष्ट हो, तो व्यक्ति को कर्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस भाव में अशुभ ग्रहों की उपस्थिति भी कर्ज का संकेत देती है। (यहां "कुंडली के भाव और उनका महत्व" पर एक लेख लिंक कर सकते हैं)
  • आठवां भाव: आठवां भाव अचानक होने वाली घटनाओं, संकटों और गूढ़ विद्याओं का भाव है। इस भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव या इस भाव के स्वामी की कमजोर स्थिति भी व्यक्ति को अचानक कर्ज में डाल सकती है, जैसे किसी दुर्घटना या बीमारी के कारण।
  • बारहवां भाव: बारहवां भाव व्यय, हानि और मोक्ष का भाव है। यदि इस भाव का स्वामी कमजोर हो या इस भाव में अशुभ ग्रह स्थित हों, तो व्यक्ति के खर्चे बढ़ सकते हैं और उसे कर्ज लेना पड़ सकता है। यह भाव अस्पतालों और कानूनी मामलों से भी जुड़ा है, जिनमें अप्रत्याशित खर्च हो सकते हैं।
  • बृहस्पति ग्रह: बृहस्पति को धन, ज्ञान और सौभाग्य का कारक माना जाता है। यदि बृहस्पति कुंडली में कमजोर या पीड़ित हो, तो व्यक्ति को धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और वह कर्ज में डूब सकता है। कमजोर बृहस्पति सही वित्तीय निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। (यहां "बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के उपाय" लिंक करें)

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केवल एक ग्रह ही कर्ज का कारण नहीं बनता, बल्कि कई ग्रहों की युति, दृष्टि और भावों की स्थिति मिलकर यह निर्धारित करती है कि व्यक्ति कर्ज में डूबेगा या नहीं। एक अनुभवी ज्योतिषी ही कुंडली का सही विश्लेषण करके इसके बारे में बता सकता है।

विभिन्न राशियों के लिए कर्ज मुक्ति के ज्योतिषीय उपाय:

प्रत्येक राशि का स्वामी ग्रह और उसकी प्रकृति अलग-अलग होती है। इसलिए, कर्ज मुक्ति के लिए प्रत्येक राशि के जातकों के लिए कुछ विशिष्ट उपाय बताए गए हैं। यहां हम सभी बारह राशियों के लिए कुछ सामान्य और कुछ विशिष्ट उपाय बता रहे हैं:

मेष राशि:

  • स्वामी ग्रह: मंगल
  • उपाय:
    • हनुमान जी की नियमित रूप से पूजा करें और हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें।
    • मंगलवार के दिन लाल मसूर की दाल का दान करें।
    • मंगलवार का व्रत रखें और गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं।
    • "ॐ अं अंगारकाय नमः" मंत्र का जाप करें।
    • अपने क्रोध और आवेग पर नियंत्रण रखें और जल्दबाजी में कोई भी वित्तीय निर्णय न लें।

वृषभ राशि:

  • स्वामी ग्रह: शुक्र
  • उपाय:
    • मां लक्ष्मी की पूजा करें और श्री सूक्त का पाठ करें।
    • शुक्रवार के दिन सफेद वस्तुओं जैसे चीनी, चावल, दूध या सफेद वस्त्र का दान करें।
    • शुक्रवार का व्रत रखें और खीर का भोग लगाएं।
    • "ॐ शुं शुक्राय नमः" मंत्र का जाप करें।
    • अनावश्यक विलासिता की वस्तुओं पर खर्च करने से बचें।

मिथुन राशि:

  • स्वामी ग्रह: बुध
  • उपाय:
    • भगवान गणेश की पूजा करें और गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
    • बुधवार के दिन हरी मूंग की दाल या हरे वस्त्र का दान करें।
    • बुधवार का व्रत रखें और गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।
    • "ॐ बुं बुधाय नमः" मंत्र का जाप करें।
    • अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और किसी को अपशब्द न कहें। सोच-समझकर वित्तीय समझौते करें।

कर्क राशि:

  • स्वामी ग्रह: चंद्रमा
  • उपाय:
    • भगवान शिव की पूजा करें और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
    • सोमवार के दिन दूध, चावल या चांदी का दान करें।
    • सोमवार का व्रत रखें और शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं।
    • "ॐ सों सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें।
    • भावनात्मक रूप से स्थिर रहें और जल्दबाजी में निर्णय न लें।

सिंह राशि:

  • स्वामी ग्रह: सूर्य
  • उपाय:
    • भगवान सूर्य को प्रतिदिन जल अर्पित करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
    • रविवार के दिन गेहूं, गुड़ या तांबे का दान करें।
    • रविवार का व्रत रखें।
    • "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।
    • अहंकार से बचें और अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें।

कन्या राशि:

  • स्वामी ग्रह: बुध
  • उपाय:
    • मां दुर्गा की पूजा करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
    • बुधवार के दिन हरी सब्जियां या हरे फल दान करें।
    • गरीब कन्याओं को भोजन कराएं या उनकी शिक्षा में मदद करें।
    • "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप भी लाभकारी होगा।
    • अपने बजट का सख्ती से पालन करें और अनावश्यक खर्चों से बचें।

तुला राशि:

  • स्वामी ग्रह: शुक्र
  • उपाय:
    • मां संतोषी की पूजा करें या शुक्रवार का व्रत रखें।
    • शुक्रवार के दिन सुगंधित वस्तुओं, इत्र या सौंदर्य प्रसाधनों का दान करें (स्वयं उपयोग न करें)।
    • जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
    • "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः" मंत्र का जाप करें।
    • साझेदारी में वित्तीय लेनदेन करते समय सावधानी बरतें।

वृश्चिक राशि:

  • स्वामी ग्रह: मंगल
  • उपाय:
    • हनुमान जी की आराधना करें और ऋण मोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें।
    • मंगलवार के दिन रक्तदान करें (यदि स्वास्थ्य अनुमति दे) या लाल फल दान करें।
    • अपने भाइयों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें।
    • "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" मंत्र का जाप करें।
    • गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें और किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा न करें।

धनु राशि:

  • स्वामी ग्रह: बृहस्पति
  • उपाय:
    • भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
    • गुरुवार के दिन पीली वस्तुओं जैसे चने की दाल, हल्दी या पीले वस्त्र का दान करें।
    • गुरुवार का व्रत रखें और केले के पेड़ की पूजा करें।
    • "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें।
    • अपने ज्ञान का सदुपयोग करें और अनावश्यक जोखिम लेने से बचें।

मकर राशि:

  • स्वामी ग्रह: शनि
  • उपाय:
    • शनिदेव की पूजा करें और शनि चालीसा या दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें।
    • शनिवार के दिन काले तिल, सरसों का तेल या काले उड़द का दान करें।
    • शनिवार का व्रत रखें और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
    • "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें।
    • कड़ी मेहनत करें और धैर्य रखें। आलस्य का त्याग करें।

कुंभ राशि:

  • स्वामी ग्रह: शनि
  • उपाय:
    • भैरव बाबा की पूजा करें और भैरव स्तोत्र का पाठ करें।
    • शनिवार के दिन कुष्ठ रोगियों की सेवा करें या उन्हें दान दें।
    • जरूरतमंदों और असहाय लोगों की मदद करें।
    • "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें।
    • अनैतिक कार्यों से दूर रहें और अपनी आय के स्रोतों को शुद्ध रखें।

मीन राशि:

  • स्वामी ग्रह: बृहस्पति
  • उपाय:
    • भगवान दत्तात्रेय की पूजा करें या अपने गुरु की सेवा करें।
    • गुरुवार के दिन धार्मिक पुस्तकों या शिक्षा सामग्री का दान करें।
    • वृद्धों और शिक्षकों का सम्मान करें।
    • "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः" मंत्र का जाप करें।
    • दूसरों की मदद करने में संयम बरतें, कहीं ऐसा न हो कि आप स्वयं वित्तीय संकट में पड़ जाएं।

कर्ज मुक्ति के यंत्र, तंत्र और मंत्र:

ज्योतिष शास्त्र और तंत्र शास्त्र में कर्ज से मुक्ति पाने के लिए विभिन्न यंत्रों, तंत्रों और मंत्रों का उल्लेख मिलता है। इनका प्रयोग श्रद्धा और विश्वास के साथ करने पर लाभ मिल सकता है।

यंत्र:

  • श्री यंत्र: श्री यंत्र को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसकी नियमित पूजा और दर्शन से धन-समृद्धि आती है और कर्ज से मुक्ति मिलती है। इसे अपने पूजा स्थान या तिजोरी में स्थापित कर सकते हैं। (आप यहां "श्री यंत्र की स्थापना और पूजा विधि" पर लेख लिंक कर सकते हैं)
  • कुबेर यंत्र: भगवान कुबेर को धन का देवता माना जाता है। कुबेर यंत्र की स्थापना और पूजा करने से धन का आगमन होता है और कर्ज चुकाने में सहायता मिलती है। (यहां "कुबेर यंत्र के लाभ" लिंक करें)
  • मंगल यंत्र: यदि कर्ज मंगल ग्रह की अशुभता के कारण है, तो मंगल यंत्र की स्थापना और पूजा लाभकारी हो सकती है।
  • ऋण मुक्ति यंत्र: विशेष रूप से कर्ज से छुटकारा पाने के लिए इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है। इसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाकर नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए।

तंत्र:

तंत्र क्रियाएं थोड़ी जटिल होती हैं और इन्हें किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए। कुछ सामान्य तांत्रिक उपाय इस प्रकार हैं:

  • नारियल का उपाय: मंगलवार के दिन एक नारियल लें और उस पर अपनी उम्र के बराबर सिंदूर की बिंदियां लगाएं। इसे हनुमान जी के चरणों में अर्पित करें और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें।
  • नींबू और लौंग का उपाय: शनिवार की रात को एक नींबू के ऊपर चार लौंग गाड़ दें और इसे किसी चौराहे पर रख आएं। पीछे मुड़कर न देखें। माना जाता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और कर्ज से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। (यह उपाय सावधानी से करें और किसी को नुकसान पहुंचाने की भावना न रखें)।
  • पीपल के पत्ते का उपाय: शनिवार के दिन एक पीपल का पत्ता तोड़कर गंगाजल से धो लें। इस पर हल्दी और दही के घोल से अनामिका उंगली द्वारा "हीं" लिखें और इसे अपने पर्स में रख लें। हर शनिवार को यह पत्ता बदलते रहें।

मंत्र:

मंत्रों में अद्भुत शक्ति होती है। नियमित रूप से मंत्र जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो कर्ज मुक्ति में सहायक हो सकता है।

  • "ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः": यह भगवान शिव का ऋण मुक्ति मंत्र है। इसका प्रतिदिन १०८ बार जाप करने से कर्ज से छुटकारा मिलता है।
  • "ॐ गं गणपतये सर्वविघ्न हराया सर्वाय सर्वगुरवे लम्बोदराय ह्रीं गं नमः": यह गणेश जी का मंत्र है जो सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक है, जिसमें कर्ज की बाधा भी शामिल है।
  • "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः": यह मां लक्ष्मी का मंत्र है जो धन-समृद्धि प्रदान करता है और कर्ज से मुक्ति दिलाता है।
  • ऋण मोचक मंगल स्तोत्र: इसका नियमित पाठ मंगल ग्रह की अशुभता को दूर करता है और कर्ज से मुक्ति दिलाता है।
  • गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र: इस स्तोत्र का पाठ करने से बड़े से बड़े संकट और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
  • "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय": यह भगवान विष्णु का सरल और शक्तिशाली मंत्र है। इसके जाप से सभी प्रकार की समस्याओं का निवारण होता है।

अन्य महत्वपूर्ण उपाय:

ज्योतिषीय उपायों के साथ-साथ कुछ व्यावहारिक बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है:

  • वित्तीय अनुशासन: अपनी आय और व्यय का सही हिसाब रखें। बजट बनाएं और उसका सख्ती से पालन करें। (यहां "वित्तीय योजना कैसे बनाएं" पर एक लेख लिंक कर सकते हैं)
  • बचत की आदत: अपनी आय का कुछ हिस्सा नियमित रूप से बचाएं। यह बचत अप्रत्याशित खर्चों में काम आएगी।
  • निवेश करें: अपनी बचत को सही जगह निवेश करें ताकि आपका पैसा बढ़ सके।
  • अनावश्यक खर्चों से बचें: दिखावे और विलासिता की वस्तुओं पर अनावश्यक खर्च न करें।
  • एक समय में एक कर्ज चुकाएं: यदि आपके ऊपर कई कर्ज हैं, तो सबसे पहले अधिक ब्याज वाले कर्ज को चुकाने का प्रयास करें।
  • आय के अतिरिक्त स्रोत तलाशें: यदि संभव हो तो अपनी आय बढ़ाने के लिए अतिरिक्त स्रोत तलाशें।
  • सकारात्मक सोच रखें: निराश न हों और सकारात्मक सोच के साथ कर्ज चुकाने का प्रयास करें।
  • विशेषज्ञ की सलाह लें: यदि आप स्वयं अपनी वित्तीय स्थिति को संभालने में असमर्थ हैं, तो किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

निष्कर्ष:

कर्ज एक गंभीर समस्या है जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। इसके बढ़ने के कई आर्थिक और ज्योतिषीय कारण हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र ग्रहों की चाल और स्थिति के आधार पर इन कारणों को समझने और उनके निवारण के लिए विभिन्न उपाय सुझाता है। विभिन्न राशियों के जातक अपनी राशि के अनुसार विशिष्ट उपाय करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यंत्र, तंत्र और मंत्र भी कर्ज मुक्ति में सहायक हो सकते हैं, परन्तु इनका प्रयोग श्रद्धा, विश्वास और सही मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ज्योतिषीय उपायों के साथ-साथ व्यक्ति को स्वयं भी वित्तीय अनुशासन, बचत, सही निवेश और अनावश्यक खर्चों से बचने जैसे व्यावहारिक कदम उठाने चाहिए। सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास से किसी भी प्रकार के कर्ज से मुक्ति पाई जा सकती है। यदि आप कर्ज की समस्या से जूझ रहे हैं, तो निराश न हों, बल्कि ज्योतिषीय मार्गदर्शन और अपने प्रयासों से इस समस्या का समाधान करें। यह याद रखें कि समय बदलता है और सही दिशा में किए गए प्रयास अवश्य सफल होते हैं।

0 टिप्पणियाँ

और नया पुराने
Shivam Soni
Shivam Soni
Founder, Shivam90.in | Desi Digital Journalist

यह हिंदी कंटेंट है।

This is the English content.

这是中文内容。

یہ اردو مواد ہے۔

This is the American content.

یہ پاکستانی مواد ہے۔