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“सुप्रीम कोर्ट में खेलों का महासंग्राम 2025 – जज से लेकर कर्मचारी तक मैदान में!”

सुप्रीम कोर्ट में वार्षिक खेल प्रतियोगिता-2025 का आगाज़

नई दिल्ली, 20 मई 2025 — सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में मंगलवार को माहौल कुछ अलग ही रहा। अदालत की गंभीर कार्यवाही के बीच इस बार रंग-रौनक थी खेलों की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने वार्षिक खेल प्रतियोगिता-2025 का शुभारंभ किया। इस आयोजन में सुप्रीम कोर्ट के जज, अधिकारी, रजिस्ट्रार और कर्मचारी परिवार सहित शामिल हुए।

"Chief Justice B R Gavai addressing inaugural ceremony"

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मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई उद्घाटन संबोधन करते हुए।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि जीवन की ऊर्जा हैं। अदालत जैसे व्यस्त और गंभीर माहौल में भी ऐसे आयोजनों की ज़रूरत है ताकि कर्मचारी आपसी सहयोग और भाईचारे की भावना को और मजबूत कर सकें। उन्होंने कहा कि खेल हमें अनुशासन, एकता और टीमवर्क सिखाते हैं।

इस मौके पर उन्होंने आयोजन समिति की जमकर सराहना की और स्वयंसेवकों व सहयोगी स्टाफ की तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रयासों की वजह से ही इतना बड़ा आयोजन संभव हो पाया। साथ ही, प्रतियोगिता की शुरुआत से पहले सभी प्रतिभागियों को "खेल भावना" की शपथ भी दिलाई गई।

"Supreme Court building during event"

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सुप्रीम कोर्ट परिसर — खेल प्रतियोगिता के दौरान।

प्रतियोगिताओं की सूची और भागीदारी

आयोजन समिति को इस बार जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। कुल 1752 कर्मचारियों की ओर से 3636 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। इसका मतलब है कि कई कर्मचारियों ने एक से ज्यादा खेलों में भाग लेने का फैसला किया। इससे साफ होता है कि सुप्रीम कोर्ट परिवार खेलों को लेकर कितना उत्साहित है।

मुख्य खेल इस प्रकार हैं:

  • एथलेटिक्स (100 मीटर दौड़)
  • एथलेटिक्स (रिले 100×4)
  • बैडमिंटन (सिंगल व डबल्स)
  • कैरम
  • शतरंज
  • क्रिकेट
  • फुटबॉल
  • खो-खो
  • मिनी मैराथन (3–5 किमी)
  • टेबल टेनिस (सिंगल व डबल्स)
  • वॉलीबॉल (स्मैश)

"Participants taking oath of sportsman spirit"

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कर्मचारी और प्रतिभागी 'खेल भावना' की शपथ लेते हुए।

खेल और टीम भावना का महत्व

खेलों से मिलने वाली सीख अदालत की कार्यशैली में भी काम आती है। जैसे टीमवर्क की भावना क्रिकेट या फुटबॉल में होती है, वैसा ही तालमेल किसी केस पर काम करते समय रजिस्ट्री और जजों के बीच भी जरूरी होता है। शतरंज जैसे खेल धैर्य और रणनीति सिखाते हैं, वहीं एथलेटिक्स अनुशासन और लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ना सिखाते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में आयोजित खेल महोत्सव से कर्मचारियों को मानसिक तनाव से राहत मिलेगी और वे अपने काम को नई ऊर्जा के साथ कर सकेंगे। ऐसे आयोजनों से कर्मचारी एक-दूसरे से बेहतर जुड़ पाते हैं और कोर्ट का कार्य वातावरण भी सकारात्मक रहता है।

सुप्रीम कोर्ट परिवार का उत्साह

इस आयोजन में सिर्फ प्रतिभागी ही नहीं बल्कि उनके परिवारजन भी शामिल हुए। बच्चों और महिलाओं के लिए भी अलग से गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिससे पूरे आयोजन का माहौल और भी पारिवारिक व खुशनुमा हो गया। कोर्ट के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मैदान में उतर कर खेलों का लुत्फ उठाया।

खास बात यह रही कि आयोजन समिति ने खेल प्रतियोगिता को पूरी तरह पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए तकनीकी सहयोग भी लिया। टाइमिंग सिस्टम, स्कोरबोर्ड और मैच रेफरी की व्यवस्था बेहद सटीक रखी गई।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट में आयोजित यह वार्षिक खेल महोत्सव सिर्फ एक खेल प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि काम के बीच भी मस्ती, खेल और टीम भावना कितनी जरूरी है। यह आयोजन कर्मचारियों को आपसी सहयोग और तालमेल की नई सीख देता है। खेलों का यह उत्सव आने वाले दिनों में कोर्ट के कार्य वातावरण को और भी सकारात्मक बनाने में मदद करेगा।

उम्मीद है कि इस परंपरा को आगे भी जारी रखा जाएगा और हर साल सुप्रीम कोर्ट परिवार इसी तरह ऊर्जा, उत्साह और एकजुटता का प्रदर्शन करेगा।

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लेख: News Shivam90.in

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Shivam Soni
Shivam Soni
Founder, Shivam90.in | Desi Digital Journalist

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