मथुरा में देर रात बड़ा पुलिस फेरबदल, कई चौकी इंचार्ज बदले — सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्ती
मथुरा। जिले में देर रात पुलिस विभाग ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया कई चौकी प्रभारियों, और उप निरीक्षकों व जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को इधर-उधर कर दिया। आदेश 29/10/2025 को रात में ही जारी हुए, जिससे पूरे पुलिस महकमे में हलचल मच गई।
जानकारी के अनुसार, हाल के दिनों में जिले में कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने और , त्योहारों, धार्मिक आयोजनों, जिला सीमाओं व संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए यह निर्णय लिया गया।
सूत्र बताते हैं कि इस फेरबदल में एक दर्जन से ज्यादा चौकी प्रभारियों को नई जिम्मेदारी दी गई है और करीब दो दर्जन उप निरीक्षकों को अलग-अलग थानों में तैनात किया गया है।
क्यों किया गया यह बदलाव? समझने वाली बात
मथुरा एक धार्मिक-पर्यटन जिले के रूप में देश और दुनियाभर में जाना जाता है। यहां रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते-जाते हैं। इसके अलावा बॉर्डर जिले होने की वजह से भी पुलिस पर लगातार सतर्कता का दबाव बना रहता है।
हाल ही में त्योहारों जैसे 31/10/2025 को इच्छा नौवीं को परिक्रमा मै लाखों लोगों की भीड़ जमा होगी उस पर नियंत्रण बहुत चुनौती पूर्ण होता ही, पर्वों और कुछ संवेदनशील घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने यह फेरबदल किया है ताकि नए और अनुभवी अधिकारियों को मौके के हिसाब से तैनात किया जा सके।
जानकारों का कहना है कि रात में आदेश जारी होने का मतलब साफ है—ऊपर तक यह मैसेज देना कि व्यवस्था ही सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
किन-किन क्षेत्रों में बदलाव?
हालांकि अधिकारी-कर्मचारियों के नाम आदेश में स्पष्ट लिखे हुए हैं, पर समग्र दृष्टि से देखें तो बदलाव मुख्यतः—
- धार्मिक-संवेदनशील चौकियों में
- भीड़भाड़ वाले बाजार क्षेत्रों में
- हाईवे व बॉर्डर सुरक्षा पॉइंट्स पर
- शहर के अंदरूनी यातायात व कानून-व्यवस्था जोन में
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यहां पर तैनाती से जुड़े बदलाव किए गए हैं। कई पुराने तैनात चौकी इंचार्जों को अनुभव के आधार पर नई जगह भेजा गया है, वहीं कुछ नए चेहरों को जिम्मेदारी दी गई है ताकि काम में नई ऊर्जा आए।
जिम्मेदारी बड़ी, चुनौती भी बड़ी
मथुरा की सबसे खास बात यह है कि यहां 365 दिन धार्मिक आयोजन चलते रहते हैं।
इसलिए पुलिस को सिर्फ अपराध रोकना ही नहीं, बल्कि भीड़ प्रबंधन, यातायात नियंत्रण, बाहरी जिलों की गतिविधियों पर नजर और सुरक्षा में चूक न होने की बड़ी चुनौती रहती है।
नए अधिकारियों से उम्मीद है कि वे क्षेत्र में निगरानी बढ़ाएंगे, खुफिया इनपुट पर ज्यादा सक्रिय रहेंगे और जनता-पुलिस तालमेल बेहतर करेंगे।
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जनता की उम्मीदें
स्थानीय लोगों का कहना है कि नए चौकी-इंचार्ज और SI अगर क्षेत्र का राउंड ठीक से करते रहें, असामाजिक तत्वों पर अंकुश रखें और शिकायतें सुनें तो बड़ी राहत मिलेगी।
वे चाहते हैं कि—
- थाने-चौकियों में तुरंत सुनवाई हो
- किसानों-व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो
- यातायात व्यवस्था दुरुस्त हो
- रात्रि गश्त सख्त हो
- विवाद-शिकायत में देरी न हो
पुलिस प्रशासन ने भी साफ संकेत दिए हैं कि काम में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी और जो अच्छा प्रदर्शन करेगा उसे सम्मान भी मिलेगा।
सूत्र बोले — यह पहली लिस्ट, आगे और भी हो सकते हैं बदलाव
महकमे के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह सिर्फ पहला दौर है। करीब आने वाले दिनों में दूसरी सूची भी जारी हो सकती है जिसमें थाना स्तर पर भी परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
यानि आने वाले दिनों में मथुरा पुलिस में और ज्यादा बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
हमारी राय
बदलाव बुरा नहीं होता। सिस्टम में नई हवा चलती है, काम तेज होता है। बस अब जनता यही उम्मीद कर रही है कि नए इंचार्ज ड्यूटी पर एक्टिव रहें और गलत तत्वों को पहले ही दबा दें।
मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की धरती है — यहां व्यवस्था भी उतनी ही मजबूत होनी चाहिए जितनी आस्था है।




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