BSP की महारैली में मायावती का शक्ति प्रदर्शन, लखनऊ में उमड़ी 10 लाख से ज्यादा भीड़
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर बसपा का जलवा देखने को मिला। चार बार की मुख्यमंत्री रही बहन कु. मायावती जी की अगुवाई में बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने आज लखनऊ में एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की, जिसमें बताया जा रहा है कि करीब 10 लाख से अधिक लोगों की भीड़ उमड़ी।
यह रैली राजधानी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में हुई, जहां सुबह से ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर जिले से बसपा समर्थक, कार्यकर्ता और आम जनता अपनी नेता मायावती के समर्थन में पहुंचे। मैदान में बसपा के झंडे और 'जय भीम' के नारों से माहौल गूंज उठा।
राजधानी में इतनी बड़ी भीड़ 2014 में नरेंद्र मोदी की रैली के बाद पहली बार देखने को मिली। मायावती ने मंच से कहा कि अब बसपा पूरी ताकत के साथ मिशन 2027 की तैयारी में जुट गई है और इस बार बहुजन समाज की आवाज फिर से सत्ता के गलियारों तक पहुंचाई जाएगी।
इस दौरान मायावती ने योगी सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है। लेकिन साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला। मायावती ने सपा को “दोगली पार्टी” बताया और कहा कि “सपा हमेशा बहुजन समाज के वोट लेकर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करती रही है।”
मायावती ने अपने संबोधन में कहा — “हमने हमेशा गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आवाज़ उठाई है। लेकिन अब ये लड़ाई सिर्फ सत्ता की नहीं, समाज को सम्मान दिलाने की है।”
उन्होंने साफ संकेत दे दिए कि बसपा अब साइलेंट मोड से एक्टिव मोड में आ चुकी है। रैली में मायावती के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता, समन्वयक और हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कार्यक्रम में लोगों का जोश देखते ही बनता था। भीड़ में मौजूद समर्थक मायावती के पोस्टर लिए “जय भीम – जय भारत” के नारे लगा रहे थे। मंच से पार्टी गीतों की गूंज और भीड़ की ताली से पूरा मैदान नीले रंग में बदल गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती की यह रैली आने वाले चुनावों के लिए टोन सेट करने वाली है। जहां बीजेपी और सपा पहले से ही मैदान में हैं, वहीं बसपा ने अपने “शक्ति प्रदर्शन” से बता दिया कि अबकी बार मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है।
रैली में मायावती ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और कांशीराम जी को याद करते हुए कहा कि उनकी नीतियों और सिद्धांतों पर बसपा हमेशा आगे बढ़ती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अब सोशल मीडिया पर भी पूरी तरह सक्रिय होगी ताकि युवाओं से सीधा संवाद किया जा सके।
मायावती के इस भाषण के बाद बसपा कार्यकर्ताओं में नया जोश देखने को मिला। बहुत से लोगों ने इसे बसपा की “रीबर्थ रैली” बताया। अब पार्टी “मिशन 2027” को लेकर यूपी के हर जिले में जनसभा और जागरूकता अभियान चलाने जा रही है।
निष्कर्ष: लखनऊ की इस रैली ने ये साफ कर दिया कि मायावती और बसपा अब किसी भी हालत में मैदान छोड़ने के मूड में नहीं हैं। भीड़, जोश और संदेश – तीनों ने यूपी की सियासत को गर्मा दिया है। अब देखना ये होगा कि मायावती का यह मिशन कितना असर दिखाता है आने वाले चुनावों में।
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