बीवी करे बदतमीजी? तो भाई सुन ले ये काम की बात!
शादी के बाद जिंदगी में प्यार हो या तकरार, सब चलता है। लेकिन अगर बीवी बार-बार बदतमीजी करे, उल्टा बोले, बात-बात पर झगड़े या ताने मारे—तो तंत्र-मंत्र में उलझने से बेहतर है समझदारी से काम लेना। ये कोई भूत-प्रेत वाला मामला नहीं है, ये एक रिश्ते की परतें हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
1. पहले समझ, फिर फैसला
हर किसी के बर्ताव के पीछे कोई वजह होती है। बीवी अगर ज़्यादा गुस्सैल हो रही है या बात-बात पर उलझ रही है, तो एक बार ठंडे दिमाग से सोचो—क्या वो किसी प्रेशर में है? कहीं घर की जिम्मेदारी, बच्चों की टेंशन, या ससुराल का दबाव तो नहीं?
2. बात करो, लेकिन प्यार से
गुस्से में जवाब देना आग में घी डालने जैसा होता है। जब मूड ठीक हो, तब एक कप चाय के साथ प्यार से बात शुरू करो। कहो – "देखो, हम दोनों की ज़िंदगी आसान हो सकती है अगर हम एक-दूसरे को समझें।"
3. दिखाओ कि तुम समझदार हो, तानाशाह नहीं
कई बार मर्द सोचते हैं कि बीवी को "काबू" करना है, लेकिन असली मर्द वो है जो रिश्ते को निभाता है, दबाता नहीं। बीवी को अगर तुम इज्जत दोगे, तो उसका गुस्सा खुद ब खुद कम होगा।
4. हर बात पे बहस मत करो
अगर वो गुस्से में कुछ कह दे, तो जरूरी नहीं हर बार जवाब दो। कुछ बातें इग्नोर करना भी समझदारी है। वक्त आने पर जब माहौल शांत हो, तब उसे समझाना ज्यादा असरदार होगा।
5. अगर मामला बहुत बिगड़ चुका है...
तो किसी रिश्तेदार, समझदार दोस्त या फैमिली काउंसलर से मदद लेने में शर्म मत करो। काउंसलिंग कोई पागलपन नहीं होती, ये समझदारी का फैसला होता है।
6. और हां...
अगर तुमने खुद कभी कुछ ऐसा किया हो जिससे बीवी का भरोसा टूटा हो, तो माफी मांगने से पीछे मत हटो। माफी मर्दानगी कम नहीं करती, रिश्ता मजबूत करती है।
आखिरी बात:
भाई, बीवी कोई मशीन नहीं है जिसे तंत्र-मंत्र से चलाया जाए। वो भी इंसान है, उसके भी इमोशन हैं। अगर सही तरीके से रिश्ते को सहेजोगे, तो वो भी प्यार करेगी, इज्जत देगी, और रिश्ता फिर से वैसा ही होगा जैसा शुरुआत में था।
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