ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में घुसे हिंदुस्तानी वीर
7 मई 2025 की रात को भारतीय सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और करारा हमला किया। ये कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 25 श्रद्धालु और एक स्थानीय मुस्लिम मारे गए थे। इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़्बुल मुजाहिदीन जैसे पाक समर्थित आतंकी संगठन शामिल थे।
पृष्ठभूमि:
22 अप्रैल को पहलगाम में पांच आतंकियों ने गैर-मुस्लिम पर्यटकों पर हमला किया। भारत ने इसका दोष सीधे-सीधे पाकिस्तान पर डाला। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस हमले का बदला लेने की घोषणा की। 'सिंदूर' नाम इसलिए चुना गया क्योंकि इसमें उन विधवाओं की पीड़ा को दर्शाया गया जिनके पति इस हमले में शहीद हुए, जैसे नौसेना अधिकारी की पत्नी हिमांशी नारवाल।
उद्देश्य:
- आतंकवादी ठिकानों को तबाह करना
- जैश, लश्कर और हिज़्बुल के टॉप कमांडरों को खत्म करना
- भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दुनिया के सामने रखना
ऑपरेशन की रूपरेखा:
- समय: 7 मई, सुबह 1:05 से 1:30 के बीच महज 25 मिनट में कार्रवाई पूरी हुई
- सेनाओं का तालमेल: सेना, वायुसेना और नौसेना तीनों ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया
- वायुसेना: राफेल, सुखोई, मिराज-2000 विमानों ने SCALP मिसाइल, हैमर बम और ड्रोन से हमले किए
- सेना: ग्राउंड इंटेलिजेंस और टारगेट चिन्हित करने में सहयोग दिया
- नौसेना: अरब सागर से हमले के लिए तैयार थी, कराची तक को निशाने पर रखा गया
निशाने पर कौन-कौन था:
- पाकिस्तान में 4 जगहें: बहावलपुर, मुरिदके, शकरगढ़ और सियालकोट के पास
- PoJK में 5 ठिकाने: मुज़फ्फराबाद, गुलपुर और कोटली के अब्बास कैंप
- टारगेट्स में "मारकज़ सुबहान अल्लाह" और अन्य आतंकी ट्रेनिंग सेंटर शामिल थे
स्ट्राइक की खासियत:
- भारतीय सीमा से ही हाई-प्रिसीजन हथियारों से हमला किया गया, ताकि नियंत्रण रेखा पार न करनी पड़े
- इसरो और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसियों की मदद से सटीक टारगेटिंग की गई
नतीजे:
- 100 से ज़्यादा आतंकियों का खात्मा हुआ, जिनमें IC814 हाइजैकिंग और पुलवामा हमले से जुड़े आतंकी भी शामिल थे
- पाकिस्तान ने 26 नागरिकों की मौत और 46 घायल होने का दावा किया, पर भारत ने इसे सिरे से खारिज किया
- भारत के 5 जवान शहीद हुए, पाक की जवाबी कार्रवाई में कुछ नुकसान हुआ
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
- पाक ने एलओसी पर गोले बरसाए, ड्रोन हमले किए, जम्मू, उधमपुर और अमृतसर में वायुसेना ठिकानों पर हमला किया गया, लेकिन भारत के S-400 और आकाश डिफेंस सिस्टम ने अधिकतर हमले नाकाम कर दिए
रणनीतिक प्रभाव:
- ऑपरेशन सिंदूर से भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति में बड़ा बदलाव दिखा — अब जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि पहले वार
- यह ऑपरेशन 1971 युद्ध के बाद पहली बार तीनों सेनाओं की संयुक्त ताकत को दर्शाता है
- हिंदू राष्ट्रवादी समूहों के लिए 'सिंदूर' एक भावनात्मक और राजनीतिक हथियार बन गया, विपक्ष ने इसे चुनावी फायदा उठाने का आरोप लगाया
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- UN, अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी ने संयम बरतने की अपील की
- इज़राइल और कुछ भारतीय मूल के अमेरिकी नेताओं ने भारत का समर्थन किया
- पाकिस्तान ने इसे युद्ध की घोषणा बताई और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ प्रचार शुरू कर दिया
आलोचना और विवाद:
- पाकिस्तान द्वारा नागरिक मौतों का दावा
- कुछ विशेषज्ञों ने इस ऑपरेशन को "राजनीतिक स्टंट" कहा
- 'सिंदूर' नाम को लेकर नारीवादी संगठनों ने आपत्ति जताई, कहा महिलाओं को प्रतीक न बनाएं
नतीजा और आगे की राह:
- 10 मई को दोनों देशों के DGMO स्तर पर युद्धविराम की बातचीत हुई
- भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की, पाकिस्तान ने शिमला समझौता तोड़ने की धमकी दी
- IPL 2025 स्थगित, उड़ानें रद्द, जम्मू में स्कूल-कॉलेज बंद
- भारत की रक्षा कंपनियों के शेयर चढ़े, 'मेक इन इंडिया' की मांग बढ़ी
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य और रणनीतिक ताकत का प्रतीक बन गया। यह सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह एक संदेश था — "अब भारत चुप नहीं बैठेगा"। इसने एक नई सैन्य नीति की नींव रखी, लेकिन इसके राजनीतिक और कूटनीतिक असर लंबे समय तक दिखते रहेंगे।
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