लोन लेना मजबूरी है? तो पहले ये जान ले!
1. ज़रूरत बनाम शौक: लोन ज़रूरत के लिए है या शौक पूरा करने के लिए? अगर सिर्फ दिखावे के लिए ले रहे हो – तो रुक जा भाई!
2. EMI तुझसे क्या मांगेगी? हर महीने की EMI तेरा खर्चा चाट जाएगी। तौल कर देख, तेरी जेब कितना झेल सकती है।
3. इंटरेस्ट रेट – छुपा हुआ शिकारी: बैंक तो कहेगा "Low Interest", लेकिन प्रोसेसिंग फीस, GST और बाकी चार्ज जोड़, तब असली ब्याज दिखेगा।
4. टाइम पीरियड – जितना लंबा, उतना लटकता फंदा: 5 साल का लोन मतलब 60 महीने की टेंशन। कम समय का लोन ले, थोड़ा ज़्यादा EMI देकर जल्दी निपटा।
5. क्रेडिट स्कोर – तेरी फाइनेंशियल रिपोर्ट कार्ड: लोन लेने से पहले अपना CIBIL स्कोर चेक कर, वर्ना रिफ्यूज़ का तमाचा पड़ सकता है।
6. Prepayment Charges – जल्दी चुकाने की सज़ा: अगर तुझमें दम है जल्दी लोन निपटाने का, तो देख लेना कहीं बैंक तुझसे पेनाल्टी ना वसूल ले।
7. दोस्तों या परिवार से उधार पहले सोच: अगर छोटा अमाउंट है तो बैंक से नहीं, परिवार या दोस्त से मदद मांग ले – बिना ब्याज का भी हो सकता है।
देशी सलाह: भाई, लोन लेना कभी हल नहीं होता – ये एक किस्तों वाली कैद है। अगर मजबूरी है तो सोच-समझकर ले, वर्ना हर EMI के साथ तेरी आज़ादी कटती जाएगी।
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