डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती 2025: विचारों का उत्सव, न्याय का संदेश
लेखक: Shivam90 | तारीख: 14 अप्रैल 2025
मरे देश मै आज का दिन कुछ खास होता है, क्योंकि हम सब मिलकर बाबा साहेब की तस्वीर पर फूल चढ़ाते हैं, बैंड-बाजे के साथ जय भीम के नारे लगते हैं। और सही भी है, जिसने हमें बराबरी का हक़ दिलाया, उसे याद करना तो बनता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज X (Twitter) पर डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए लिखा:
"बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उन्होंने सामाजिक न्याय, समानता और समावेशी विकास के लिए जो योगदान दिया, वह हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या
कहा?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भी X पर लिखा:
"बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें सादर नमन। उनके विचार और सिद्धांत हमें सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण के पथ पर अग्रसर करते हैं।"
134वीं जयंती पर खास कार्यक्रम
इस बार उत्तर प्रदेश में बाबा साहेब की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई। लखनऊ में 'डॉ. भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान' की शुरुआत खुद योगी जी ने की। इसमें समाज के हर तबके को जोड़ने की कोशिश की गई।
1. जय भीम पदयात्रा
मरीन ड्राइव से अंबेडकर पार्क तक सुबह-सुबह ‘जय भीम पदयात्रा’ निकाली गई। इसमें करीब 1400 स्टूडेंट्स शामिल हुए। मैं खुद वहां नहीं जा पाया, लेकिन लाइव देखा – पूरा माहौल नीला-नीला हो गया था।
2. सांस्कृतिक कार्यक्रम
लखनऊ में लोकगीत, बिरहा, नृत्य नाटिका जैसी कई रंगारंग प्रस्तुतियाँ हुईं। लोगों ने नीली टोपी पहनकर "जय भीम" के नारे लगाए।
3. अंबेडकर पार्क में श्रद्धांजलि
लखनऊ के अंबेडकर पार्क में हजारों लोग इकठ्ठा हुए और बाबा साहेब की मूर्ति पर फूल-मालाएं चढ़ाईं। सोशल मीडिया पर भी #AmbedkarJayanti ट्रेंड करता रहा।
X (Twitter) पर अन्य लोकप्रिय लोगों की प्रतिक्रियाएं
- राहुल गांधी: "डॉ. अंबेडकर का संविधान एक दीपक है जो हमें अंधेरे में रास्ता दिखाता है।"
- प्रियंका गांधी: "समानता और न्याय के प्रतीक बाबा साहेब को सलाम।"
- अखिलेश यादव: "जब-जब अंधेरा बढ़ा है, बाबा साहेब के विचार मशाल बने हैं।"
- कन्हैया कुमार: "बाबा साहेब ने हमें लड़ने का नहीं, सोचने का तरीका दिया।"
बाबा साहेब के विचार आज भी ज़िंदा हैं
मेरे हिसाब से, डॉ. अंबेडकर का सबसे बड़ा योगदान यही रहा कि उन्होंने हमें 'मानव' बनना सिखाया। जात-पात, छुआछूत, भेदभाव – इन सबके खिलाफ उन्होंने अकेले मोर्चा लिया।
आज जब हम लोकतंत्र, संविधान और वोट की बात करते हैं, तो कहीं ना कहीं बाबा साहेब की मेहनत और सोच झलकती है।
निष्कर्ष: ये जयंती सिर्फ उत्सव नहीं, एक संकल्प है
अगर हम वाकई उन्हें सम्मान देना चाहते हैं, तो समाज में भेदभाव मिटाकर, शिक्षा को बढ़ावा देकर और न्याय का साथ देकर ही सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
आखिर में एक बात कहना चाहूंगा – मैंने खुद देखा है कि बाबा साहेब की तस्वीर जहां भी होती है, वहां इज्जत और इंसानियत की बात होती है। और यही उनकी असली ताकत थी।
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जय भीम! | Shivam90.in की तरफ से आपको अंबेडकर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
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