चांदी ₹1 लाख के पार पहुंची: जानिए क्या है वजह और आगे क्या होगा?
5 जून 2025 को चांदी की कीमत ₹1,00,000 प्रति किलो के पार पहुंच गई है, जो निवेशकों और आम जनता दोनों के लिए चौंकाने वाला संकेत है। यह पहली बार नहीं है, लेकिन इस बार तेजी कई वैश्विक और तकनीकी कारणों से आई है।
📈 चांदी की कीमत में रिकॉर्ड बढ़त
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, चांदी की कीमत ₹1,01,346/किलोग्राम तक पहुंच गई है। यह एक ऐतिहासिक आंकड़ा है और लगातार दूसरे महीने यह तेजी देखने को मिली है।
🚀 चांदी की तेजी के पीछे मुख्य कारण
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती और युद्ध जैसे हालात ने निवेशकों को सेफ हैवेन यानी चांदी-सोने की ओर मोड़ा।
- औद्योगिक मांग में इज़ाफा: इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री में चांदी की मांग तेजी से बढ़ रही है।
- डॉलर में गिरावट: डॉलर की कमजोरी के चलते निवेशकों ने चांदी की ओर रुख किया।
- फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना: इससे चांदी जैसे कमोडिटी को सपोर्ट मिला है।
🔮 विशेषज्ञों की राय
केडिया कमोडिटी के अनुसार, यदि यही ट्रेंड जारी रहा तो चांदी ₹1,30,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। हालांकि, बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, इसलिए निवेश करते समय सतर्कता जरूरी है।
"2025 लगातार पांचवां साल है जब चांदी की डिमांड, सप्लाई से अधिक है।" — सिल्वर इंस्टिट्यूट
💰 निवेशकों के लिए सलाह
- छोटे स्तर पर निवेश शुरू करें।
- नियमित रूप से मार्केट अपडेट देखते रहें।
- पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन रखें।
- फिजिकल चांदी के बजाय ETF या डिजिटल सिल्वर को प्राथमिकता दें।
📊 चांदी बनाम सोना
मापदंड | सोना | चांदी |
---|---|---|
कीमत (जून 2025) | ₹99,000/10 ग्राम | ₹1,01,346/किलो |
औद्योगिक उपयोग | कम | बहुत ज़्यादा |
मूल्य में उतार-चढ़ाव | मध्यम | तेज़ |
📝 निष्कर्ष
चांदी की कीमतों में यह उछाल कई वैश्विक, तकनीकी और औद्योगिक कारणों का परिणाम है। यह सिर्फ एक मेटल नहीं, बल्कि भविष्य की ऊर्जा और टेक्नोलॉजी का आधार बन रही है। ऐसे में चांदी में निवेश करना बुद्धिमानी हो सकता है, लेकिन जोखिम के साथ।
📌 स्रोत और महत्वपूर्ण लिंक
नोट: यह लेख केवल जानकारी हेतु है। कृपया निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।
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