पत्नी से एक साल से अलग हो? क्या अब मिलेगा तुरंत तलाक? सच जानकर चौंक जाओगे!
लेखक: शिवम सोनी | स्रोत: News Shivam90.in
तारीख: 6 जून 2025 | श्रेणी: भारतीय कानून, जीवनशैली, रिश्ते
🔥 क्यों वायरल हो रहा है ये सवाल?
आजकल सोशल मीडिया से लेकर मोहल्ले की चौपाल तक, एक ही सवाल छाया है — अगर पति-पत्नी एक साल से अलग रह रहे हैं तो क्या उन्हें तुरंत तलाक मिल सकता है? बहुत लोग भ्रम में हैं, कुछ लोग आधी जानकारी पर फैसले कर रहे हैं। लेकिन अब हम आपको असली हक़ीकत बताएंगे – वो भी पूरी देसी और कानूनी भाषा में!
📜 कानून क्या कहता है – तलाक की असली परिभाषा
भारत में तलाक के मामले Hindu Marriage Act, 1955 के तहत सुने जाते हैं। इसकी धारा 13(1)(i-b) के अनुसार, अगर पति-पत्नी कम से कम एक साल से 'deserted' यानी अलग रह रहे हैं, तो तलाक के लिए अर्जी दी जा सकती है।
लेकिन ध्यान रहे! कोर्ट कोई ATM नहीं जो बटन दबाओ और तलाक निकल आए। इसके लिए एक पूरी कानूनी प्रक्रिया होती है जिसमें सबूत, गवाह, और सच्चाई का सामना करना पड़ता है।
⛔ सिर्फ जुदाई काफी नहीं है!
- कोर्ट को यह यकीन दिलाना होता है कि एक साल की जुदाई "जान-बूझकर और स्थायी" है।
- दोनों के बीच फिर से सुलह की कोई संभावना नहीं है।
- पति/पत्नी में से किसी ने किसी तरह की क्रूरता या अत्याचार नहीं किया है – या किया है, तो उसके पक्के सबूत होने चाहिए।
⚖️ क्या म्यूचुअल तलाक में जल्दी राहत मिलती है?
हां, अगर पति और पत्नी दोनों तलाक को लेकर सहमत हों, तो Mutual Consent Divorce का रास्ता आसान होता है। इसमें आमतौर पर 6 महीने का "cooling off period" होता है, जिसे सुप्रीम कोर्ट विशेष परिस्थितियों में माफ भी कर सकता है।
इस तरह का तलाक बहुत कम खर्च और झंझट में हो जाता है। लेकिन अगर पत्नी तलाक नहीं चाहती, तो मामला एकतरफा यानी Contested Divorce बन जाता है।
🧾 क्या चाहिए एकतरफा तलाक के लिए?
अगर पत्नी तलाक के लिए तैयार नहीं है, तो पति को नीचे दिए गए आधार पर तलाक की अर्जी देनी होगी:
- पत्नी ने बिना किसी वैध कारण के पति को छोड़ दिया हो।
- पति पर मानसिक या शारीरिक अत्याचार किया हो।
- पत्नी के व्यवहार से वैवाहिक जीवन असहनीय हो गया हो।
- कम से कम 1 साल से संपर्क या साथ रहना बंद हो चुका हो।
यानी तलाक मिलना आसान नहीं है, पर नामुमकिन भी नहीं।
📌 कोर्ट का नजरिया और फैमिली काउंसलिंग
कोर्ट पहले दोनों को समझाने की कोशिश करती है कि रिश्ता बच जाए। कई बार Family Court काउंसलिंग के लिए भेजती है। अगर फिर भी सुलह न हो, तो आगे की सुनवाई होती है।
भारत में तलाक के कानून धीरे-धीरे डिजिटल हो रहे हैं, लेकिन इंसाफ में वक्त तो लगता है।
🧠 Expert Tip by News Shivam90.in
"तलाक का फैसला भावनाओं से नहीं, सोच-समझकर और कानून के अनुसार लें। जल्दबाजी में लिया गया फैसला ज़िंदगीभर पछतावा बन सकता है।"
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📢 निष्कर्ष – हकीकत जानिए, कानून समझिए
तो भाई, पत्नी से एक साल की जुदाई कोई जादू की छड़ी नहीं है जिससे तलाक मिल जाए। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया अपनानी होगी, सबूत देने होंगे और कोर्ट की शर्तें पूरी करनी होंगी।
अगर आप वाकई तलाक चाहते हैं, तो किसी अनुभवी फैमिली लॉ वकील से संपर्क करें और पूरी जानकारी लें।
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