बिहार वोटर लिस्ट मामला 2025: पूरा विश्लेषण, असर और आपके लिए जरूरी बातें
बिहार में इन दिनों वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) को लेकर बड़ा बवाल मचा हुआ है। मामला सिर्फ नाम जोड़ने या काटने का नहीं, बल्कि इससे जुड़ी राजनीति, भ्रष्टाचार और आम जनता के अधिकारों का भी है। आइए आपको इस पूरे मामले का आसान भाषा में पूरा विश्लेषण देते हैं।
क्या है SIR यानी Special Intensive Revision?
Election Commission ने बिहार में 24 जून 2025 से SIR प्रक्रिया चालू की है। इसका मकसद वोटर लिस्ट को शुद्ध और पारदर्शी बनाना है। मतलब:
- जो लोग मर चुके हैं, उनके नाम हटाना।
- डुप्लीकेट वोटर हटाना।
- दूसरे राज्य में जाकर बस गए लोगों के नाम हटाना।
- विदेशी नागरिकों के नाम हटाना।
- नए पात्र लोगों के नाम जोड़ना।
अब तक क्या हुआ?
- 88.18% वोटरों का फॉर्म भरा जा चुका है। यानी करीब 6.6 करोड़ लोगों की जांच हो चुकी है।
- Election Commission का दावा है कि 35.5 लाख से ज्यादा नाम गलत या डुप्लीकेट मिले हैं जिन्हें हटाया जाएगा।
कहां से आया विवाद?
मामला तब तूल पकड़ा जब विपक्षी पार्टियों ने कहा कि इस प्रक्रिया में गड़बड़ी हो रही है। खासतौर पर:
- विदेशी नागरिकों के नाम शामिल पाए गए। नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोग वोटर लिस्ट में दर्ज हैं।
- BLO (Booth Level Officer) रिश्वत लेते पकड़े गए। गया जिले में एक BLO को UPI के जरिए पैसे लेते पकड़ा गया।
- कांग्रेस और RJD ने कहा कि 2 करोड़ असली वोटर भी हट सकते हैं।
- BJP ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह आरोप बेबुनियाद हैं।
सुप्रीम कोर्ट का दखल
यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया। कोर्ट ने कहा कि SIR प्रक्रिया रोकी नहीं जाएगी लेकिन ECI को यह सुनिश्चित करना होगा कि:
- Aadhaar, Ration Card, Voter ID जैसी पहचान की जांच जरूर हो।
- कोई भी भारतीय नागरिक गलती से सूची से बाहर न हो।
अगली सुनवाई 28 जुलाई 2025 को है।
आम आदमी के लिए जरूरी बातें
- आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं, इसे जरूर चेक करें।
- अगर नाम नहीं है, तो 25 जुलाई 2025 तक सुधार फॉर्म भरें।
- कोई BLO आपसे पैसे मांगे तो तुरंत शिकायत करें।
कैसे चेक करें वोटर लिस्ट में नाम?
आप नीचे दी गई साइट पर जाकर अपना नाम देख सकते हैं:
क्या इससे चुनाव पर असर पड़ेगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सही तरीके से प्रक्रिया होती है तो चुनाव में पारदर्शिता बढ़ेगी। लेकिन अगर गड़बड़ी हुई तो यह बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।
स्रोत (Sources)
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Election Commission of India
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NVSP (राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल)
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Electoral Search वेबसाइट
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Dainik Bhaskar News Report
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