मथुरा रिफाइनरी और हेमामलिनी: जानिए पूरा सच, सरकार का नया अपडेट
मथुरा की पहचान सिर्फ श्रीकृष्ण जन्मभूमि और बांके बिहारी मंदिर ही नहीं, बल्कि यहां की विशाल मथुरा रिफाइनरी भी है। यह भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की रिफाइनरियों में से एक है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी हर बात और सांसद हेमामलिनी जी के हाल के बयान पर सरकार का क्या अपडेट है।
मथुरा रिफाइनरी: भारत की विरासत और पर्यावरणीय कदम
मथुरा रिफाइनरी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित, अब देश के सबसे बड़े Sewage Treatment Plant (STP) से भी जुड़ी है। यह परियोजना केंद्र सरकार और नगर निगम मथुरा के सहयोग से शुरू की गई है।
इसके तहत रिफाइनरी में निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:
- STP की क्षमता: प्रतिदिन 60 MLD (Million Litres per Day)
- पर्यावरण संरक्षण और जल पुनर्चक्रण में योगदान
- रेजिड्यू अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट: 11 MMTPA क्षमता तक बढ़ा
- बायो डीजल और ग्रीन फ्यूल्स पर विशेष ध्यान
इन प्रयासों से ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि मथुरा न सिर्फ धार्मिक नगरी बल्कि स्वच्छ और हरित शहर भी बन रहा है।
हेमामलिनी जी की पर्यावरण अपील: एसी कम चलाएं!
World Environment Day पर सांसद हेमामलिनी जी ने मथुरा की जनता से अपील की कि:
- रोजाना कम से कम 2 घंटे एसी बंद रखें।
- ऊर्जा बचत करें और ग्लोबल वॉर्मिंग रोकें।
- पर्यावरण सुधार में योगदान दें।
इसके अलावा, 150 हेक्टेयर में फैला City Forest बनाने की योजना भी शुरू हो चुकी है। इसमें 76,000 पौधे और जल निकाय शामिल होंगे।
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर विवाद और सांसद का बयान
हाल ही में मीडिया रिपोर्ट में आया कि बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर सांसद जी ने कथित रूप से कहा:
"जो लोग विरोध करते हैं, उन्हें मथुरा छोड़ देना चाहिए।"
इस बयान पर पुजारियों और स्थानीय ब्रजवासियों में नाराज़गी है। कई लोग कहते हैं कि मंदिर की पारंपरिक शैली और विरासत को नुकसान होगा।
सरकार ने इस पर स्पष्टीकरण दिया है कि:
- सभी हितधारकों की बात सुनी जाएगी।
- किसी की संपत्ति या अधिकार का हनन नहीं होगा।
- परियोजना को Heritage के अनुसार डिजाइन किया जाएगा।
क्या है मथुरा के भविष्य का रोडमैप?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि मथुरा में:
- अधुनिक रिफाइनरी, STP और ग्रीन फ्यूल प्रोजेक्ट्स का विस्तार होगा।
- पर्यावरणीय और धार्मिक दोनों पक्षों का संतुलन रखा जाएगा।
- कॉरिडोर के लिए पुजारियों और नागरिकों से चर्चा की जाएगी।
निष्कर्ष
मथुरा रिफाइनरी और हेमामलिनी जी दोनों ही शहर के विकास में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन साथ ही जनता और धार्मिक स्थलों के हित भी बराबर महत्वपूर्ण हैं। सरकार और स्थानीय प्रतिनिधि इन दोनों में संतुलन बनाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
पूरा सच जानने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप स्वयं भी IOC की वेबसाइट या Economic Times पर खबर पढ़ सकते हैं।
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- यह जानकारी Shivam90.in की टीम द्वारा रिसर्च के आधार पर तैयार की गई है।
लेखक: शिवम सोनी | अंतिम अपडेट: 19 जुलाई 2025
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