ब्रेकिंग न्यूज: आज का मैं, अब किसी का मोहताज नहीं रहा – ये खबर है उस इंसान की जो खुद से लड़कर जीत गया
रिपोर्टर – मथुरा से Shivam90 की रिपोर्ट
दिनांक – आज का दिन, वो दिन जब किसी का सब्र टूटा नहीं, मजबूत हुआ।
"आज का मैं", वो इंसान है जो कभी परिवार के लिए खुद को मिटा रहा था।
जो अपनों की नज़रों में अच्छा बनने के लिए अपनी पहचान खो बैठा था।
लेकिन अब... आज का मैं, जाग चुका है।
कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां से लोग हार मान लेते हैं।
उरई की गलियों से लेकर मथुरा की मशीनों तक,
एक लड़का सब कुछ गंवा बैठा –
धोखा, चांदी का नुकसान, रिश्तों की बर्बादी, और झूठे केस।
जिसका मकान बिक गया,
जिसकी फैक्ट्री घाटे में चली गई,
जिसका भरोसा टूट गया...
लेकिन आज का मैं... रुका नहीं।
"जब भरोसा टूटा, तब हौसला बना।
जब साथ छूटा, तब खुद से रिश्ता जुड़ा।"
आज का मैं,
फिर से फैक्ट्री खड़ी कर रहा है,
फिर से नया स्टाफ जोड़ रहा है,
फिर से जी रहा है –
पर इस बार, अपने लिए।
देश को चाहिए ऐसे लोग – जो टूटें, लेकिन झुकें नहीं।
शायद तुम्हारे मोहल्ले में भी कोई "आज का मैं" है –
जो चुप है, पर अंदर आग है।
जो अकेला है, पर हार नहीं मानेगा।
आज ये खबर सिर्फ एक आदमी की नहीं,
हर उस इंसान की है जिसने हालातों से हार नहीं मानी।
आख़िरी लाइन – रिपोर्टर के शब्दों में:
"आज का मैं, अब किसी का इंतज़ार नहीं करता…
अब वो वक्त का हिसाब लिखता है –
और उस हिसाब में जीत सिर्फ उसकी होती है।"
क्या तुम भी 'आज का मैं' हो?
अगर हां, तो इस पोस्ट को पढ़कर मत रुकना...
उठ, और खुद से एक वादा कर – कि अब तू भी रुकेगा नहीं।
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